Bismillah' remembered on the 12th death anniversary,
कृष्णा पंडित,वाराणसीः शहनाई के बेताज बादशाह भारत रत्न मरहूम उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की 12वीं बरसी पर मंगलवार को परिजनों और उनके प्रशंसको ने नम आंखो के बीच शिद्दत से याद किया। पूर्वान्ह 11 बजे परिजन उस्ताद के पौत्र आफाक हैदर, छोटे पोते मोहम्मद सिब्तैन और विभिन्न सामाजिक संगठन के कार्यकर्ताओं, विभिन्न संगठनों से जुड़े लोग दरगाहे फातमान पहुंचे। उस्ताद की कब्र पर पुष्पों की चादर चढ़ायी और पाक कुरान का पारा भी पढ़ा । शहनाई के जादूगर भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की मंगलवार को 12 वीं पुण्यतिथि गमगीन माहौल में लल्लापुरा स्थित दरगाह फातमान में मनाई गयी। इस दौरान उस्ताद के मकबरे पर उनके परिजनों और चाहने वालों ने फूल की चादर चढ़ा कर, कुरानख्वानी और गीता का पाठ करके उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उस्ताद का निधन आज ही के दिन लम्बी बिमारी के बाद बेनियाबाग स्थित उनके पैतृक निवास पर साल 2006 में हुआ था। शहनाई की धुन को खामोश हुए आज 12 साल बीत गये। आज शहनाई के जादूगर और भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की पुण्यतिथि है। उस्ताद के करीबी और कई सामाजिक संगठनों के लोगों ने उस्ताद की कब्र पर पहुंचकर फूल चढ़ाये और उन्हें नमन किया। उस्ताद के पौत्र आफाक हैदर ने बताया कि अब्बा हुजुर के जाने की कमी बहुत खलती है हम सब को। उनके जाने के बाद से हमारे घर के कुछ हिस्से जहां अब्बा हुजुर रहा करते थे या जिन हिस्सों में रियाज़ किया करते थे वो सुनसान हो गये हैं। उस्ताद की कब्र पर उनके चाहने वालों ने पवित्र कुरआन के पारे पढ़कर और गीता का पाठ करके उन्हें श्रद्धांजलि पेश की। इस मौके पर उस्ताद को श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे कांग्रेस विधायक अजय राय ने कहा कि भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां साहब हमारे देश के लिए धरोहर थे। उनका जाना न सिर्फ संगीत जगत के लिए गहरा अघात है बल्कि देश से एक ऐसे व्यक्ति का जाना हुआ है जिसकी कमी कभी पूरी नहीं की जा सकती है।