People in Bihar may face this big blow on electricity
क्षेत्रीय डेस्कः बिहार के बिजली उपभोक्ताओं को फिक्सड चार्ज के रूप में हर महीने अधिक पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं। बिजली कंपनी ने बिल में वसूली जाने वाली फिक्सड चार्ज (एक तय राशि) में वृद्धि का प्रस्ताव बिहार विद्युत विनियामक आयोग को दिया है। एक अप्रैल 2020 से लागू होने वाली बिजली दर में कंपनी ने औसतन तीन फीसदी बिजली महंगी करने का प्रस्ताव दिया है। लेकिन अलग-अलग उपभोक्ताओं से वसूली जाने वाली फिक्सड चार्ज में वृद्धि का प्रस्ताव 20 फीसदी तक का है। प्रस्ताव में ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं में नया स्लैब बनाने का भी प्रस्ताव है। इससे ग्रामीण उपभोक्ताओं को कुछ अधिक पैसे खर्च करने होंगे।
सभी श्रेणी के फिक्सड चार्ज में वृद्धि का प्रस्ताव
कंपनी ने सभी श्रेणी के फिक्सड चार्ज में वृद्धि का प्रस्ताव दिया है। गरीबी रेखा से नीचे जीवन गुजर-बसर कर रहे परिवारों के कुटीर ज्योति श्रेणी में बिना मीटर वाले उपभोक्ताओं से 325 के बदले 425 रुपए महीना वसूलने का प्रस्ताव है। गांवों में बिना मीटर वाले सामान्य घरेलू कनेक्शन में 500 के बदले 608 रुपए तो मीटर होने पर 10 के बदले 12 रुपए महीना फिक्सड चार्ज वसूलने का प्रस्ताव है। शहरी क्षेत्र में घरेलू उपभोक्ताओं से 40 के बदले 49 रुपए महीना वसूलने का प्रस्ताव है। सिंचाई के लिए दिए जाने वाले कनेक्शन में मीटर नहीं होने पर 800 प्रति हॉर्सपावर के बदले 972 तो मीटर होने पर 30 रुपए के बदले 36 रुपए प्रति हॉर्सपावर फिक्सड चार्ज वसूलने का प्रस्ताव है। राजकीय नलकूप में 200 के बदले 243 रुपए महीने का प्रस्ताव है।
गांवों में दुकान या व्यवसाय करने वालों से 30 के बदले 36 रुपए महीना तो शहरी इलाके के दुकानदारों से 100 के बदले 122 रुपए महीना फिक्सड चार्ज वसूलने का प्रस्ताव है। छोटे उद्योग वाले कनेक्शन में 144 के बदले 175 रुपए महीना तो स्ट्रीट लाइट में 50 के बदले 61 रुपए का प्रस्ताव है। बड़े उद्योगों के कनेक्शन में भी 65 से लेकर 150 रुपए महीने की वृद्धि का प्रस्ताव है।
गांवों का स्लैब बदलने का प्रस्ताव
कंपनी ने ग्रामीण उपभोक्ताओं के घरेलू कनेक्शन में स्लैब में बदलाव का प्रस्ताव दिया है। अभी शून्य से 50 यूनिट तक के पहले स्लैब में बिजली खपत करने पर 6.15 रुपए प्रति यूनिट, दूसरा स्लैब 51 से 100 यूनिट में 6.40 रुपए प्रति यूनिट, तीसरा स्लैब 101 से 200 यूनिट की दर 6.70 तो 200 से अधिक यूनिट खपत होने की दर 7.05 रुपए प्रति यूनिट है। इस बार कंपनी ने प्रस्ताव में शून्य से 50 यूनिट को समाप्त कर दिया है। पहला स्लैब शून्य से 100 यूनिट का बनाते हुए 6.40 प्रति यूनिट का प्रस्ताव है। 101 से 200 यूनिट का दूसरा स्लैब 6.70 रुपए तीसरा स्लैब 200 यूनिट से अधिक होने पर 7.05 रुपए प्रति यूनिट का प्रस्ताव है। स्लैब बदलने पर ग्रामीणों को कुछ अधिक पैसे खर्च करने होंगे। शहरी क्षेत्र के घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली दर बढ़ाने का प्रस्ताव नहीं है।
इस बार भी अनुदान रहित बिजली दर बढ़ाने का प्रस्ताव
पिछले कई वर्षों की तर्ज पर कंपनी ने इस बार भी अनुदान रहित बिजली दर बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। आयोग कंपनी के प्रस्ताव पर जनसुनवाई के बाद बिजली दर तय करेगा। इसके बाद राज्य सरकार उपभोक्ताओं को अनुदान देने की घोषणा करेगी। अगर आयोग बिजली दर में कोई वृद्धि नहीं करता है लेकिन सरकार मौजूदा वर्ष की तुलना में कम अनुदान दे तो लोगों को महंगी बिजली मिलेगी।