Interim Budget: Big announcement regarding EV sector, promotion of public transportation through electric vehicles
नेशनल न्यूज डेस्कः देश को कार्बन तटस्थ बनाने के दृष्टिकोण के तहत सरकार इलेक्ट्रिक बसों को व्यापक रूप से अपनाने को तैयार है। स्थायी परिवहन की इस दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम के तहत केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में अंतरिम बजट 2024-25 पेश करते हुए इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की।
EV सेक्टर को बढ़ाने का लक्ष्य
उन्होंने कहा कि यह रणनीतिक पहल विनिर्माण और चार्जिंग बुनियादी ढांचे दोनों पर केंद्रित है, जिसका लक्ष्य इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए परिदृश्य को मजबूत और व्यापक बनाना है। इसके तहत ई-बस ऑपरेटरों के बीच विश्वास को बढ़ावा देते हुए भुगतान सुरक्षा तंत्र के कार्यान्वयन के माध्यम से इसे सुविधाजनक बनाया जाएगा। इस पहल से सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क को मजबूत करने, पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जा-कुशल आवागमन के तरीके को बढ़ावा देने की उम्मीद है। सतत विकास के लिए एक मजबूत नींव बनाने पर जोर देने के साथ, स्वच्छ और हरित भविष्य को बढ़ावा देने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
बड़े स्तर पर ई-बसों को भुगतान
वित्त मंत्री ने घोषणा की कि सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क के लिए बड़े स्तर पर ई-बसों को भुगतान सुरक्षा व्यवस्था के माध्यम से प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने कहा,‘ हमारी सरकार ई-वाहनों के विनिर्माण और चार्जिंग अवसंरचना को सहायता प्रदान कर ई-वाहन इकोसिस्टम का विस्तार और सुदृढ़ीकरण करेगी।‘
जैव-विनिर्माण और बायो-फाउंड्री
हरित विकास को बढ़ावा देने के लिए जैव-विनिर्माण और बायो-फाउंड्री की एक नई योजना शुरू करने का प्रस्ताव किया है। यह योजना प्राकृतिक रूप से बायोडिग्रेडेबल पॉलिमर, जैव-प्लास्टिक, बायो-फार्मास्युटिकल्स और बायो-एग्री-इनपुट जैसे पर्यावरण के अनुकूल विकल्प उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा, “यह योजना आज के उपभोगकारी विनिर्माण प्रतिमान को पुनःसर्जनात्मक सिद्धांतों पर आधारित विनिर्माण प्रतिमान में बदलने में भी मदद करेगी।”
2070 तक ‘नेट-जीरो’ के लिए उपाय का प्रस्ताव
इसके अलावा वर्ष 2070 तक ‘नेट-जीरो’ को लेकर प्रतिबद्धता को पूरा करने के लक्ष्य के साथ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट 2024-25 में निम्नलिखित उपायों का प्रस्ताव किया है :
--एक गीगा-वाट की शुरुआती क्षमता के लिए अपतटीय पवन ऊर्जा की संभावना को हासिल करने के लिए व्यवहार्यता अंतर-निधियन की व्यवस्था की जाएगी।
--वर्ष 2030 तक 100 मीट्रिक टन की कोयला गैसीकरण और तरलीकरण क्षमता स्थापित की जाएगी। इससे प्राकृतिक गैस, मेथेनॉल,स्थापित की जाएगी। इससे प्राकृतिक गैस, मैथेनॉल और अमोनिया के आयात को कम करने में मदद मिलेगी।
--परिवहन के लिए कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) और घरेलू प्रयोजनों के लिए पाइप्डनेचुरल गैस (पीएनजी) में कम्प्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) के चरणबद्ध तरीके से मिश्रण को अनिवार्य किया जाएगा।