जितेन्द्र, पठानकोट: वर्तमान दौर में सोशल मीडिया के बढ़ रहे प्रचलन से धार्मिक वर्ग भी अछूता नहीं है। कई धार्मिक संस्थांए एंव धार्मिक गुरू आजकल सोशल मीडिया पर संगत से संपर्क साधने में लगे हुए हैं। सोशल मीडिया प्रचलन के शुरूआती दौर में यह सिर्फ युवा वर्ग के लिए ही आकर्षण का केंद्र था लेकिन देखते ही देखत हर वर्ग सोशल मीडिया से जुडऩे लगा है। इसी प्रकार धार्मिक वर्ग भी इससे अब दूर नहीं है। डेरों पर सत्संग में सैंकड़ों की संख्या में आने वाली संगत को प्रवचन देते हुए तो धार्मिक गुरू हर किसी ने देखे होंगे लेकिन आजकल कुछ धार्मिक डेरों द्वारा सोशल मीडिया द्वारा भी धार्मिक संदेश देने का प्रचलन शुरू हो चुका है।
इंटरनेट के लिए अलग से बनाये जा रहे वीडिया प्रवचन: कई धार्मिक संस्थाओं, डेरों व आश्रमों की ओर से कई सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अकाऊंट बनाये गये हैं। जिनका प्रयोग वो संगत से प्रवचन शेयर करने के लिए करते हैं। कुछ डेरों के गुरू सिर्फ अपने सत्संग के कुछ हिस्सों की वीडियो या फिर फोटो क्लिप ही सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं लेकिन कुछ डेरों द्वारा तो सोशल मीडिया के लिए अलग से प्रवचन आदि रिकॉर्ड करवाये जाते हैं। जिन्हें बाद में डेरे के व्हाट्सएप, फेसबुक, टिवट्र, यू-टयूब अकाऊंट के माध्यम से शेयर किया जाता है। डेरों के इन अकाऊंटस के फोलोअर्स की यदि बात करें तो वो भी कम नहीं है। कभी हजारों तो कभी लाखों लोग डेरों के इस सोशल मीडिया कंटेट को देखते हैं और लाईक भी करते हैं।
धार्मिक डेरों ने बकायदा बना रखे हैं सोशल मीडिया सेल: कुछेक छोटे डेरों पर तो धार्मिक गुरूओं के चेले ही डेरे के सोशल मीडिया अकाऊंट को मैनेज करते हैं लेकिन यदि बात करें उन बड़े डेरों की जिनसे लाखों की संख्या में संगत जुड़ी है तो इन डेरों ने बकायदा सोशल मीडिया सेल भी बना रखे हैं। जो कि डेरे के तमाम सोशल मीडिया अकाऊंट्स को मैनेज करने का काम करते हैं फिर चाहे वो यू-टयूब, फेसबुक, व्हाट्सएप या टिवट्र का अकाऊंट हो।