UP's Purvanchal will be the hub of readymade garments, Gorakhpur will be the center: Yogi Adityanath
चेंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की मुलाकात
यूपी न्यूज डेस्कः उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चेंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के प्रतिनिधियों से कहा कि गारमेंट सेक्टर के विकास और उद्यमियों की जरूरतों को पूरा करने में धन की कमी नहीं आने दी जाएगी। पूर्वांचल को रेडीमेड गारमेंट सेक्टर का हब बनाया जाएगा और गोरखपुर इसका केंद्र होगा।
चेंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष विष्णु अजीतसरिया और पूर्व अध्यक्ष एसके अग्रवाल ने बुधवार देर रात मुख्यमंत्री से गोरखनाथ मंदिर में मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने सीएम को बताया कि कई बाहरी उद्यमी गोरखपुर में यूनिट लगाने की इच्छा रखते हैं। सीएम ने उन्हें आश्वस्त करते हुए कहा कि सरकार गोरखपुर को केंद्र बनाकर पूर्वांचल को रेडीमेड गारमेंट सेक्टर का हब बनाने के लिए संकल्पित है। इस बाबत सरकार की तरफ से प्रोत्साहन और धन की कमी नहीं आने देगी। इस दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहाहै। यह बड़ी संख्या में रोजगार सृजन का माध्यम साबित होगा।
गीडा में फ्लैटेड फैक्ट्री की तरह गोरखनाथ क्षेत्र में स्थित इंडस्ट्रियल एरिया में भी रेडीमेड गारमेंट फ्लैटेड फैक्ट्री की चेंबर की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्यमियों की संख्या बढ़ने पर इस पर भी विचार किया जाएगा। गीडा बोर्ड की बैठक में उद्यमियों को बुलाए जाने की मांग पर भी मुख्यमंत्री ने सकारात्मक आश्वासन दिया। इस दौरान चेंबर के पदाधिकारियों ने गीडा बोर्ड की बैठक में चेंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के प्रतिनिधि को शामिल नहीं किए जाने की जानकारी दी। एसके अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री ने इस संबंध में प्रमुख सचिव उद्योग को नियमानुुसार कार्रवाई करने को कहा है।
एमएसएमई के जरिए 50 हजार लोगों को रोजगार देने की तैयारी
एक अनुमान के मुताबिक गोरखपुर में 350 करोड़ रुपये की पूंजी से करीब 15000 लोगों को रेडीमेड सेक्टर में रोजगार मिला है। सरकार का मानना है कि इतने कम निवेश पर अन्य क्षेत्र में इतना रोजगार मिलना संभव नहीं है। इसे देखते हुए एमएसएमई के जरिए रेडीमेड गारमेंट के परंपरागत उद्यम से सरकार 50000 लोगों को रोजगार दिलाने की तैयारी में है।
कोरोना की दूसरी लहर के पहले तक गोरखपुर में 500 करोड़ रुपये के रेडीमेड गारमेंट्स की खपत, यहीं तैयार कपड़ों से हो रही थी। तब बाजार में 2000 करोड़ रुपये के रेडीमेड गारमेंट का उत्पादन बाहर के उद्यमी कर रहे थे। सरकारी प्रयासों से बढ़ावा मिलने पर बाहर से होने वाली आपूर्ति यहीं के उत्पादन से हो सकेगी।
रेडिमेड गारमेंट यूनिट लगाने पर ओडीओपी में 20 लाख तक का अनुदान
ओडीओपी के तहत रेडीमेड गारमेंट यूनिट लगाने पर सरकार 20 लाख रुपये तक का अनुदान दे रही है। यूनिट लगाने के लिए आवेदन करने पर किसी भी राष्ट्रीयकृत या अन्य शेड्यूल्ड बैंक से लोन मिल सकता है। लोन के सापेक्ष सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन (एमएसएमई) विभाग की ओर से मार्जिन मनी की धनराशि अनुदान के रूप में उपलब्ध कराई जाती है। 25 लाख रुपये तक की लागत वाली इकाइयों के लिए कुल परियोजना लागत का 25 प्रतिशत या अधिकतम 6.25 लाख रुपये में से जो भी कम हो, मार्जिन मनी के रूप में देने की व्यवस्था है। इसी प्रकार 1.5 करोड़ से अधिक की कुल परियोजना लागत की इकाइयों के लिए परियोजना लागत का 10 प्रतिशत या अधिकतम 20 लाख रुपये में से जो भी कम हो, मार्जिन मनी के रूप में दी जाएगी।