जेडीयू भाजपा के साथ गठबंधन में कहीं अधिक सहज
इंडिया न्यूज सेंटर, नई दिल्ली: बिहार में महागठबंधन की सरकार अब बिखर सकती है। राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी को लेकर महागठबंधन में आए दरार के बाद अब जेडीयू पूरी तरह से महागठबंधन से अलग होने के लिए तैयार है। जेडीयू के बड़े नेता केसी त्यागी ने तो साफ कह दिया कि जेडीयू बीजेपी के साथ गठबंधन में कहीं अधिक सहज थी, जबकि लालू यादव के साथ स्थिति बेहद असहज हो चली है। दरअसल, राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित करने के समय जेडीयू के अलग रुख के बाद कांग्रेस और आरजेडी ने नीतीश कुमार की तीखी आलोचना की थी। जेडीयू के जनरल सेक्रेटरी केसी त्यागी ने ये बात उस सवाल के जवाब में कही, जिसमें लालू-नीतीश के बीच बढ़ती खाईं और आरजेडी से गठबंधन पर सवाल पूछा गया था। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को बीजेपी के साथ सरकार चलाने में इतनी दिक्कतें कभी नहीं आई, जितनी लालू यादव के साथ सरकार चलाने में आ रही है। हम एनडीए में कहीं अधिक सहजता के साथ काम करते थे। केसी त्यागी ने साथ ही ये भी कहा कि हमारा गठबंधन सिर्फ बिहार तक है, जिसे हम और आप महागठबंधन के नाम से जानते हैं। कांग्रेस के साथ ही भूमिका सिर्फ बिहार तक ही सीमित है। हम किसी भी तरह से कांग्रेस के साथी और यूपीए का हिस्सा नहीं हैं। ऐसे में हमारी पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर अपना अलग स्टैंड लेने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र है। उन्होंने आरजेडी और कांग्रेस को चेताया भी कि वो नीतीश कुमार की बुराई बंद करे। ये बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इससे पहले एक रिपोर्ट में बताया था कि जेडीयू के मुखिया नीतीश कुमार अब महागठबंधन से निकलने का पूरा मन बना चुके हैं। इसकी वजह आरजेडी के मुखिया लालू प्रसाद के पूरे परिवार का ईड़ी और आईटी जांच में फंसना है। गौरतलब है कि नीतीश कुमार द्वारा राष्ट्रपति पद के चुनाव में एनडीए के कैंडिडेट और बिहार के राज्यपाल रहे रामनाथ कोविंद को समर्थन देने के बाद जेडीयू-कांग्रेस-आरजेडी के रिश्तों में कड़वाहट आ गई है। बता दें कि २४३ सदस्यीय बिहार विधानसभा में आरजेडी के पास ८० विधायक हैं, तो जेडीयू के पास ७१ विधायक। वहीं बीजेपी के पास ५३ विधायक हैं। ऐसे में अगर बीजेपी-जेडीयू साथ आ जाते हैं, तो उन्हें बिहार में सरकार बनाने में कोई खास परेशानी नहीं होगी।