Endoscopic spine surgery is done without sedation: Dr Trivedi
निखिल शर्मा,जालंधरः इकीसवी सदी में स्पाईन(रीढ़ की हडडी) से होने वाली बीमारियों में काफी इजाफा हुआ है। इसका मुख्य कारण हमारा खान-पान व लाईफ स्टाईल है। जिसके कारण हमारे अंदर मोटापे का होना है। यहीं नही लगातार बैठकर काम करने से स्पाईन की समस्याओं में बढ़ोतरी हो रही है। जिसके कारण लगातार कमर में दर्द,पैरो में दर्द का होना मुख्य कारण है। स्पाईन की समस्या से एक पैर या दोनों पैरो में दर्द की समस्या से जूझना पड़़ रहा है। जिसे सियाटीका या रीढ़ की बीमारी भी कहते है।
स्पाईन मास्टर यूनिट के सीनियर इंडोस्कोपिक स्पाईन सर्जन डाक्टर पंकज त्रिवेदी (वासल अस्पताल) ने बताया कि इंडोस्कोपिक स्पाईन सर्जरी से अब करीब 90-95 फीसदी सर्जरी की जाती है। जिसमें मरीज को बेहोश नही किया जाता है। और एक सात मिलीमीटर के छोटे से छेद में चीरे से ही सफल आप्रेश किया जाता है। आप्रेशन के दौरान कई बार मरीज अपने फोन पर अपने रिस्तेदारों से बातचीत भी करता रहता है। इससे डाक्टर को फाईन सर्जरी की ट्रेनिंग लेनी पजडती है। इस तरह के आप्रेसन करने वाले डाक्टर भारत में गिने-चुने ही है। खास बात यह है कि मरीज शाम को अपने घर जा सकता है। यही नही मरीज को किसी तरह की कोई बल्ट भी नही पहननी पड़ती है। डाक्टर त्रवेदी बताते है कि जालंधर स्थित वासल अस्पताल में उनके पास पूरे भारत से अस आप्रेशन को कराने आते है। इसके अलावा एशिया व अफ्रीका से विदेसी मरीज भी आते है। क्योकि इस आधुनिक तकनीक से आप्रेशन करने का यहां पर खर्च पहुत कम है। डाक्टर त्रिवेदी कहते है कि इस तरह की सर्जरी को वह पिछले दस वर्षो से कर रहे है। इस सर्जरी के लिए जालंधर का नाम भारत में कापी खोजा जाता है।