इंडिया न्यूज सेंटर, नई दिल्ली: मशहूर शायर मिर्जा गालिब की आज 200वीं जयंती है। मिर्जा असद-उल्लाह बेग खां उर्फ 'गालिब उर्दू एवं फारसी भाषा के महान शायर थे। इनको उर्दू का सर्वकालिक महान शायर माना जाता है और फारसी कविता के प्रवाह को हिन्दुस्तानी जबान में लोकप्रिय कराने का भी श्रेय गालिब को जाता है। दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने नवंबर में 'साहित्य आज तक के मंच से गालिब की तारीफ करते हुए उनके कई शेर दोहराए। गालिब के बारे में नजीब जंग ने कहा कि गालिब कोई मामूली इंसान नहीं थे। नजीब जंग ने मिर्जा गालिब को उर्दू शायरी का बेताज बादशाह बताया। एक सवाल के जवाब में नजीब ने यह भी कहा कि गालिब अगर आज होते तो उन्हें अभी के माहौल से खास दिक्कत नहीं होती, क्योंकि उनका जीवन उधारी से चलता था। गालिब के लिखे पत्र, जो उस समय प्रकाशित नहीं हुए थे, को भी उर्दू लेखन का महत्वपूर्ण दस्तावेज माना जाता है। मिर्जा गालिब मुगल काल के आखिरी शासक बहादुर शाह जफर के दरबारी कवि भी रहे थे। आगरा, दिल्ली और कलकत्ता में अपनी जिंन्दगी गुजारने वाले गालिब को उनकी उर्दू गजलों के लिए काफी याद किया जाता है।