Big decision of Pak Supreme Court: National Assembly restored, Deputy Speaker's decision unconstitutional
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने कहा नेशनल असेंबली में डिप्टी स्पीकर ने जिस तरह से नेशनल असेंबली को भंग किया था, वह असंवैधानिक है
नौ अप्रैल को नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होगा
अंर्तराष्ट्रीय न्यूज डेस्कः पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने इमरान खान को तगड़ा झटका दे दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल असेंबली को बहाल कर दिया है और 9 अप्रैल को नेशनल असेंबली की बैठक बुलाने का आदेश दिया गया है। इसमें अविश्वास प्रस्ताव से पाकिस्तान की अगली सरकार का फैसला होगा। सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर द्वारा नेशनल असेंबली को भंग करने को असंवैधानिक करार दे दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को नेशनल असेंबली को सुझाव देने का कोई अधिकार नहीं है, यह गैर कानूनी है। कोर्ट ने कहा कि इमरान सरकार ने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर नेशनल असेंबली में जो कुछ भी किया वह पूरी तरह से असंवैधानिक है। सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल असेंबली को बहाल करते हुए 9 अप्रैल को साढ़े नौ बजे तक वोटिंग कराने का आदेश दिया है।
फैसला मानेंगे इमरान खान
इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानेंगे। इमरान खान सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर अपनी लीगल टीम के साथ बैठक की है। इमरान खान की पार्टी ने पीटीआई ने कहा है कि वह चाहे फैसला कुछ भी आए, उसे मानेंगे।
असंवैधिनिक होगा नेशनल असेंबली को भंग करना
चीफ जस्टिन उमर अता बांदियाल ने प्रथम साक्ष्या दृष्टिकोण के आधार पर पाया है कि नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने 3 अप्रैल को जिस तरह से इसे भंग किया वह पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 95 का उल्लंघन है।5 जजों की पीठ आज पांचवे दिन नेशनल असेंबली को भंग किए जाने की सुनवाई कर रही है। जियो टीवी का कहना है कि पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट आज नेशनल असेंबली को भंग किए जाने के कासिम सुरी के फैसले को असंवैधानिक करार देंगे।
अब आगे क्या..
उन्होंने कहा, हालांकि अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि आगे क्या होगा। इस बात पर अब पीएमएएल नवाज के वकील और पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल खालिद जाविद सुप्रीम कोर्ट में अपनी राय देंगे। इस मामले की सुनवाई 5 जजों की पीठ कर रही थी। मुख्य न्यायाधीश उमर अता बांदियाल इस पीठ की अगुवाई कर रहे थे।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान परिसर के आस पास सुरक्षा व्यवस्था को कड़ी कर दी गई है। अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती सुप्रीम कोर्ट के गेट पर की गई है। किसी भी अनाधिकृत व्यक्ति को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है।
बिना वोटिंग नेशनल असेंबली भंग करना संविधान के खिलाफ
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति की ओर से पेश हुए वकील से तीखे सवाल पूछे है। राष्ट्रपति के वकील ने कहा, नेशनल असेंबली भंग करने का उनका फैसला संविधान सम्मत है। इस पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल ने कहा, अगर सब कुछ संविधान के हिसाब से ही चल रहा है तो फिर राजनीतिक संकट किस बात का है? मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को बिना वोटिंग कराए ही खारिज कर देना संविधान के अनुच्छेद 95 का उल्लंघन है। देश में मध्यावधि चुनाव कराए गए तो अरबों रुपए का खर्च आएगा।