Milk producers should get dairy training and financial assistance schemes to enhance their income; urges Laljit Singh Bhullar
Mann Govt providing financial assistance of Rs.17,500 to Rs.23,100 per milch animal to encourage dairying
Subsidy of Rs.5.60 lakh for automatic silage baler-cum-wrapper machine and 50% for milking machine is also given
मान सरकार डेयरी पेशे को उत्साहित करने के लिए 17,500 से 23,100 रुपए प्रति दुधारू पशु वित्तीय सहायता कर रही है प्रदान
हरे चारे की गांठें बनाने वाली मशीन पर 5.60 लाख रुपए सब्सिडी समेत मिलकिंग मशीन पर 50 प्रतिशत मिलती है सब्सिडी
इंडिया न्यूज सेंटर,चंडीगढ़ः मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार द्वारा किसानों की आय बढ़ाने और नौजवानों के लिए स्वै-रोज़गार के अवसर पैदा करने की प्रतिबद्धता के तहत आज पशु पालन और डेयरी विकास मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने किसानों और दूध उत्पादकों से अपील की कि वह किसानी के साथ-साथ कृषि के विभिन्न सहायक पेशे ज़रूर अपनाएं। उन्होंने कहा कि मान सरकार द्वारा डेयरी पेशे को उत्साहित करने के लिए गुणवत्ता भरपूर दूध उत्पादन हेतु प्रशिक्षण देने समेत डेयरी पेशा शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता स्कीमें चलाईं जा रही हैं, जिनमें 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है।
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा नया डेयरी यूनिट स्थापित करने के लिए 2 से 20 दुधारू पशुओं की खरीद के लिए जनरल वर्ग को 17,500 रुपए प्रति पशु और अनुसूचित जाति के लाभार्थी को 23,100 रुपए प्रति पशु वित्तीय सहायता दी जा रही है। इसी तरह दूध उत्पादकों को साफ़ दूध पैदा करने के लिए उत्साहित करने के लिए डबल टीट कप मिलकिंग मशीन पर 50 प्रतिशत (अधिकतम 24,366 रुपए) सब्सिडी दी जा रही है।
उन्होंने बताया कि इसके इलावा हरे चारे की गांठें बनाने वाली मशीन पर 5.60 लाख रुपए की सब्सिडी दी जा रही है। दूध उत्पादक/किसान फ़ाल्तू हरे चारे वाले महीनों के दौरान हरे चारे से साइलेज या आचार बनाकर, चारे की कमी वाले महीनों के दौरान इन गांठों को बेच सकते हैं। हरे चारे के आचार की गांठों को पंजाब के साथ-साथ दूसरे राज्यों में भी भेज कर लाभ कमाया जा सकता है। इस तरह छोटे और शहरी डेयरी फ़ार्मरों को वाजिब कीमत पर सारा साल संतुलित पशु ख़ुराक उपलब्ध हो सकती है और नौजवानों को रोज़गार हासिल होगा।
डेयरी विकास मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने कहा कि डेयरी पेशे को कामयाब करने के लिए पशु-धन प्रबंधन, ख़ुराक, सेहत सहूलतें, बेहतर मंडीकरण और सूचना तकनीक का प्रयोग अहम पहलू हैं, जिनके बारे में नौजवानों को अवगत करवाने के लिए राज्य में 9 प्रशिक्षण केन्द्रों के माध्यम से दो हफ़्ते का डेयरी प्रशिक्षण प्रोग्राम करवाया जाता है ताकि इस कोर्स के उपरांत नौजवान अपने घरों से ही स्वै-रोज़गार शुरू कर सकें। उन्होंने बताया कि इन केन्द्रों में हर साल लगभग 6000 नौजवानों को प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके इलावा 4 हफ़्ते का डेयरी उद्यम प्रशिक्षण प्रोग्राम भी चलाया जाता है जिसमें मौजूदा दूध उत्पादकों को वैज्ञानिक तरीके से डेयरी का पेशा अपनाने के लिए एडवांस प्रशिक्षण दिया जाता है। हर साल 1000 शिक्षार्थियों को एडवांस प्रशिक्षण दिया जाता है।
कैबिनेट मंत्री ने दूध उत्पादकों/किसानों से अपील की कि वह प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए या इन वित्तीय सहायता स्कीमों का लाभ लेने के लिए अपने नज़दीकी डिप्टी डायरैक्टर डेयरी दफ़्तर या इंचार्ज प्रशिक्षण केंद्र के साथ संपर्क कर सकते हैं। इसके इलावा डेयरी विकास विभाग के हेल्पलाइन नंबर 0172-5027285 पर भी संपर्क किया जा सकता है।