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पंजाब की शराब उत्पादक इकाईयों का तीसरी पक्ष से करवाया जायेगा आडिट

THIRD-PARTY AUDIT OF LIQUOR MANUFACTURING UNITS IN PUNJAB share via Whatsapp

THIRD-PARTY AUDIT OF LIQUOR MANUFACTURING UNITS IN PUNJAB

 

आबकारी विभाग की तरफ से आई.आई.टी रोपड़ के साथ साझेदारी

इंडिया न्यूज सेंटर,चंडीगढ़ः राज्य के आबकारी विभाग ने बीते वर्ष से राज्य में शराब उत्पादक इकाईयों के कामकाज को सुचारू ढंग से चलाने के लिए विभाग की तरफ से आई.आई.टी रोपड़ के साथ हिस्सेदारी की गई है जिससे इन इकाईयों में मास फलो मीटरों के तकनीकी आडिट और ले-आउट के ढांचागत आडिट को अंजाम दिया जा सके। आई.आई.टी. रोपड़ के माहिरों की टीम द्वारा यह आडिट प्रक्रिया आज डेराबस्सी की मैसर्ज राजस्थान लिकुअरज लिमटिड से शुरू कर दी गई और 6 महीनों के दौरान राज्य की सभी उत्पादन इकाईयों को कवर करेगी। इस आडिट का मकसद एक्स्ट्रा नियूटरल एलकोहल (ई.एन.ए.) की चोरी को रोकते हुए राज्य का राजस्व सुरक्षित करना है।

 

आज यहाँ यह जानकारी देते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इस निवेकली पहल के अंतर्गत एक स्वतंत्र संस्था की मदद से 16 डिस्टीलरियों, 4 बीयर बनाने के कारखाने और 25 बाटलिंग प्लांटों के सम्मिलन वाली उत्पादन इकाईयों के कामकाज की समीक्षा और आडिट किया जायेगा। इन इकाईयों में, डी-नेचरड स्पिरिट, भारत में बनी विदेशी शराब, पंजाब में बनी मध्यम दर्जो की शराब और बीयर का उत्पादन किया जाता है और इन इकाईयों की स्थापना आबकारी विभाग द्वारा आबकारी कानूनों के नियमों के अनुसार लाइसेंस जारी करके की जाती है।

 

जानकारी देते हुए प्रवक्ता ने बताया कि एक्स्ट्रा नियूटरल एलकोहल (ई.एन.ए.)/डी नेचरड स्पिरिट/रैकटीफाईड स्पिरिट को ले जाने के लिए स्थापित इकाई और पाईपलाईनों की ढांचागत बनावट का आबकारी कानूनों के अनुसार होना जरूरी है। हाल ही में मास फलो मीटरों को सभी डिस्टिलरियों, बाटलिंग प्लांटों और बीयर उत्पादक कारखाने में आबकारी विभाग की पहल पर स्थापित किया गया जिससे इन डिस्टिलरियों द्वारा उत्पादन की जाती ई.एन.ए. या अन्य शराब की किस्मों की मात्रा का सही पता लगाया जा सके जिनको बाद में बाटलिंग के लिए भेज दिया जाता है।

 

आबकारी अधिकारियों की तरफ से इन इकाईयों पर कड़ी निगाह रखी जाती है और किसी भी कमी आने की सूरत में इकाईयों के खिलाफ कार्यवाही की जाती है। इन उत्पादन इकाईयों के कामकाज में पारदर्शिता लाने हेतु ही आई.आई.टी. रोपड़ जैसी संस्था से थर्ड पार्टी आडिट करवाने का फैसला किया गया है। तकनीकी माहिरों के सम्मिलन वाली एक टीम हर इकाई का आॅडिट करके अपनी रिपोर्ट देगी और पूरी गहराई से मास फलो मीटरों के कामकाज और ढांचागत बनावट की जांच करेगी। इस आॅडिट का सारा खर्चा आबकारी विभाग की तरफ से किया जायेगा।

 

इस ढांचागत बनावट के आडिट का मकसद यह देखना है कि प्लांट और उसके बने हुए ढांचे, विभाग द्वारा मंजूरशुदा साइट मेप के अनुसार हैं या नहीं। इसके साथ ही उत्पादक इकाई में बिछाईं गई पाइपलाइनों की भी जांच की जायेगी। इस जांच का मकसद यह जांचना है कि कोई भी ऐसी समानांतर पाईप लाईन न हो जो कि स्पिरिट को आम बहाव की अपेक्षा अधिक मात्रा में न ले जा सकेे। मास फलो मीटरों का तकनीकी आडिट करने का मकसद इनकी विशेषताओं और व्यास -माप की जांच करना होगा। इसके साथ ही इस पक्ष की भी जांच की जायेगी कि फलो मीटरों द्वारा स्पिरिट के पूरे बहाव की माप की जा रही है या नहीं और कहीं कोई अन्य पाईप लाईन तो नहीं बिछाई गई जो कि फलो मीटर को बाइपास करती हो।

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India News Centre

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Source: INDIA NEWS CENTRE

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