RBI: Pandemic Covid mostly affected laborers and small businessmen
न्यूज डेस्क, नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के कहा है कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से मजदूर (कारखानों, वर्कशॉप, शोरूम जैसे जगहों पर काम करने वाले कामगार) डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी, कानून एवं व्यवस्था, नगरपालिका कर्मचारी, तथा दैनिक मेहनत कर आजीविका चलाने वाले छोटे व्यावसायी (संगठित और असंगठित) सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। इन क्षेत्र के लोगों के लिए नीतियों के जरिए मदद में प्राथमिकता देनी होगी।
आर्थिक गतिविधियां प्रभावित
आरबीआई ने कहा कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही की आधी अवधि में आर्थिक गतिविधियां प्रभावित जरूर हुई हैं, लेकिन कमजोर नहीं पड़ी हैं। हालांकि संक्रमितों की संख्या पूर्व के मुकाबले कहीं अधिक हैं। कोरोना वायरस महामारी की रफ्तार ने भारत और दुनिया को अचंभित किया है। इस तेजी पर अंकुश लगाने के लिए युद्ध स्तर पर अभियान चलाए गए हैं।
अर्थव्यवस्था की स्थिति पर आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एमडी पात्रा और अन्य अधिकायों ने अपने लेख में लिखा है, 'दूसरी लहर का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पहली लहर के मुकाबले सीमित जान पड़ता है। स्थानीय स्तर पर जरूरत के अनुसार लॉकडाउन, लोगों को घर से काम करने की व्यवस्था के लिए स्वयं को बेहतर तरीके से तैयार करना, ऑनलाइन डिलीवरी मॉडल, ई-वाणिज्य और डिजिटल भुगतान का अच्छे तरीके से काम करना इसके उदाहरण हैं।'
महानगरों, शहरों में तेज रही दूसरी लहर
केंद्रीय बैंक के लेख के अनुसार संक्रमण के मामलों में तेजी से वृद्धि पर रोक लगाने के लिए कई राज्यों में लगाई गई पाबंदियो से अप्रैल और मई में वास्तविक अर्थव्यवस्था के कई संकेतक हल्के पड़े। पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर महानगरों, शहरों में तेज रही। यह राज्यों, क्षेत्रों और ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से फैला है। हालांकि आरबीआई ने साफ किया है कि लेख में अभिव्यक्त विचार लेखकों के हैं और कोई जरूरी नहीं है कि वे आरबीआई के विचारों से मेल खाते हों।
इसमें कहा गया है कि घरेलू व्यापार के बारे में संकेत देने वाले ई-वे बिल में अप्रैल 2021 में मासिक आधार पर 17.5 फीसदी की कमी आई है। पेट्रोल और डीजल बिक्री के प्रारंभिक आंकड़े भी अप्रैल में ईंधन की मांग में नरमी को बताते हैं जिसका कारण आवाजाही पर पाबंदी है।