Covid Update: By the end of the year, India Is Likely To Have four more vaccines
न्यूज डेस्क, नई दिल्ली: भारत कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि जुलाई-अगस्त तक दूसरी लहर पीक पर रहेगी। हालांकि, अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग वक्त पर पीक आएगा इसी बीच तीसरी लहर आने की आशंका है। विशेषज्ञों का मानना है कि देश में नवंबर-दिसंबर में तीसरी लहर तबाही मचाएगी। तीसरी लहर में सबसे ज्यादा बच्चे प्रभावित होंगे।
इससे बचने के लिए वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल भी शुरू हो चुका है। इधर देश में साल के अंत तक 4 और वैक्सीन आने की संभावना है। कई वैक्सीन इस वक्त पाइपलाइन में है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आधा दर्जन वैक्सीन बाजार में आ जाएंगी। देश में अभी तीन वैक्सीन उपलब्ध हैं, जिसमें दो मेड इन इंडिया कोविशील्ड और कोवैक्सीन है। वहीं रूस की स्पुतनिक वैक्सीन भी अब उपलब्ध है। जून के दूसरे हफ्ते से स्पुतनिक वैक्सीन अस्पतालों में उपलब्ध हो जाएगी।
कोवोवैक्स वैक्सीन
पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) 'कोविशील्ड' नाम से ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका वैक्सीन तैयार कर रही है, लेकिन इसके अलावा, यह प्रोटीन-आधारित कोविड -19 वैक्सीन NVX-CoV2373 'कोवोवैक्स' के नाम से भी उत्पादन कर रहा है। इस वैक्सीन को अमेरिकी बायोटेक्नोलॉजी कंपनी नोवोवैक्स ने विकसित किया है। सीरम इंस्टीट्यूट का Covovax का उत्पादन पहले ही शुरू हो चुका है।अभी तक, भारत में Covovax की ब्रिजिंग स्टडी चल रही है। विदेश में नोवावैक्स टीके को परीक्षण की मंजूरी मिल जाती है, तो उम्मीद है कि एसआईआई को भी यहां जल्द ही मंजूरी मिल जाएगी। दो से तीन महीनों के भीतर बाजार में आने की उम्मीद है। दिसंबर में 20 करोड़ डोज का उत्पादन होगा।
नेजल वैक्सीन
कोवैक्सीन बनाने वाली भारत बायोटेक नेजल वैक्सीन तैयार कर रही है। यह वैक्सीन नाक के माध्यम से शरीर में जाएगी। टीका का पहला परीक्षण चल रहा है। यह इंट्रानैसल वैक्सीन (BBV154 ) की जगह है। यह एंटी बॉडी तैयार करने में काफी मददगार है।
HGC019
पुणे में स्थित जिनेवा बायोफार्मास्यूटिकल्स भारत का पहला mRNA Covid-19 वैक्सीन विकसित किया है, जिसे HGC019 कहा जाता है। वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल पिछले महीने से शुरू हो चुका है।