हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कैसे चलाओगें इतने स्कूल,आपके पास तो पहले ही स्टाफ की कमी है
अगली सुनवाई में 6 सितंबर को दिल्ली सरकार को बताना होगा टेकओवर करने का प्लान
-अभिभावको से अधिक फीस वसूलने का मामला
इंडिया न्यूज सेंटर,नई दिल्लीः दिल्ली सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में एक हलफनामा दर्ज कर 449 प्राईवेट स्कूलों को टेकओवर करने की मांग की है। हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा है कि नियमों की अनदेखी करने वाले स्कूलों को सबक सिखाने की जरूरत है ताकि भविष्य में कोई मनमानी नहीं कर सके। दरअसल 2006-2009 तक की 32 महीने की मनमानी फीस वसूलने वाले करीब एक हजार प्राइवेट स्कूलों की जांच के लिए, 2011 में हाईकोर्ट ने अनिल देव कमेटी का गठन किया था। पिछले 6 साल में अनिल देव कमेटी 11 रिपोर्ट कोर्ट को सौंप चुकी है, जिसमें कहा गया है कि करीब 544 स्कूलों ने जरुरत ना होने पर भी अपने स्कूल में फीस बढ़ाई है। कोर्ट ने ये 32 महीने (2006 -2009 तक) की बढ़ी हुई फीस 9 फीसदी ब्याज सहित अभिभावकों को लौटाने का निर्देश स्कूलों को दिया था। दरअसल, ये मामला प्राइवेट स्कूलों द्रारा अभिभावकों को बढ़ी हुई फीस वापस ना करने से जुड़ा है। केजरीवाल सरकार ने कहा है कि अगर स्कूल फीस वापस नही करेंगे तो 449 निजी स्कूलों का प्रबंधन अपने हाथों में ले लेगी। सरकार ने हाईकोर्ट में कहा कि पैसा नहीं लौटाने वाले इन सभी प्राइवेट स्कूलों का प्रबंधन अपने हाथों में लेने के लिए ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी करने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और इसे मंजूरी के लिए उपराज्यपाल के समक्ष भेज दिया गया है। लेकिन अभी तक 15-20 स्कूलों ने ही ये फीस कोर्ट में जमा कराई है। हांलाकि हाईकोर्ट ने सरकार के प्राइवेट स्कूलों को टेक ओवर करने के इरादे पर भी सवाल खड़े किए हैं। कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि जब सरकारी स्कूलों को ही ठीक से चलाने के लिए आपके पास स्टाफ नही है तो इतनी बडी संख्या में प्राइवेट स्कूलों को आप टेक ओवर करके कैसे चलाओगे? अब इस मामले की अगली सुनवाई 6 सितंबर को होगी और उसी दिन दिल्ली सरकार को ये बताना होगा कि अपने टेक ओवर प्लान को लेकर उनके पास जमीनी स्तर पर क्या सरकारी संसाधन हैं।