इंडिया न्यूज सेंटर,जम्मूः केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि रोहिंग्या शरणार्थी राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा बन चुके हैं। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए मजबूती से निपटा जाएगा। जम्मू दौरे पर आए गृह मंत्री से जब देश के विभिन्न हिस्सों में रह रहे रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि गैरकानूनी ढंग से रह रहे विदेशी प्रवासियों से मजबूती से निपटा जाएगा। अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर सरकार के कड़े रुख का संकेत देते हुए राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि रोहिंग्या मुसलमानों को वापस भेजने के मामले में कोई कार्रवाई जरूर की जाएगी। हम सुरक्षा के लिए खतरे की आशंका को खारिज नहीं कर सकते। मैंने अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर अपने रुख को पहले ही साफ कर दिया है। इन्हें जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा के लिए खतरा माना जा रहा है। राजनाथ ने कहा, हम देश में ही विस्थापित हुए लोगों और भारत में शरण लेने वाले पाकिस्तान, अफगानिस्तान एवं बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को लेकर मानवीय नजरिया रखते हैं। लेकिन अवैध प्रवासियों को लेकर सरकार का रुख कड़ा है। अगस्त में, केंद्र ने घोषणा की थी कि आतंकवादी समूहों में रोहिंग्या की भर्ती होने के कारण देश गंभीर सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है, साथ ही राज्य सरकारों से उन लोगों की पहचान कर उन्हें सौंपने के लिए कहा गया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक संवाद में कहा गया था कि देश के कई हिस्सों में म्यांमार के राखिने राज्य के इन शरणार्थियों की घुसपैठ, भारतीय नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन करती है, इसके अलावा देश के सीमित संसाधनों पर भी बोझ पड़ता है। पिछले महीने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा था कि भारत में अवैध तौर पर रहने वाले 40,000 से अधिक रोहिंग्या जम्मू, हैदराबाद, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली-एनसीआर और राजस्थान में बसे हुए हैं।