इंडिया न्यूज सेंटर, श्रीनगर.
सीआरपीएफ के जवानों की पिटाई वाला वीडियो सही पाया गया है। इस मामले में सीआरपीएफ की शिकायत पर जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। बता दें कि वीडियो में कुछ यूथ्स सोल्जर्स को पीटते नजर आ रहे हैं। यह घटना 9 अप्रैल को श्रीनगर में हुए पार्लियामेंटरी बाईपोल के दौरान हुई थी।
सीआरपीएफ के आईजी रविदीप सिंह ने श्रीनगर में जानकारी देते हुए कहा कि "जांच के दौरान हमने वीडियो असली पाया। हमने फोर्स की इस कंपनी और उसकी लोकेशन पहचान ली है।" उन्होंने बताया कि यह घटना बड़गाम जिले की चदूरा असेंबली के क्रालपोरा इलाके की है। सभी सबूत जुटाकर ऑफिशियली चदूरा पुलिस को इसकी जानकारी दे दी गई है।"
राज्य के डिप्टी सीएम निर्मल सिंह ने कहा, "हम दोषियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लेंगे। एेसी घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। मेरी जानकारी में कुछ लोगों को पकड़ा गया है।" उधर, सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने सीआरपीएफ के जवानों पर हमला करने वालों की पहचान कर ली है। उम्मीद है कि उनके खिलाफ जल्द ही कार्रवाई होगी।
क्या है इस वीडियो में
यह वीडियो रविवार को बनाया गया था जब सीआरपीएफ के जवान पोलिंग बूथ से लौट रहे थे।
उन्हें कुछ यूथ्स ने घेर लिया और उन्हें पीटा। वीडियो में दिखाई दे रहा है कि एक जवान को लात मारी गई और उसका हेलमेट गिर गया। जवान ने चुपचाप हेलमेट उठाया और चलता रहा। सीआरपीएफ के डीआईजी डॉ. संजय शर्मा ने कहा कि उस वक्त जवानों के लिए ईवीएम की हिफाजत करना जरूरी था।
गंभीर ने कहा था- 1 जवान से बदसलूकी के बदले 100 जिहादी मारो
इस वीडियो पर नाराजगी जताते हुए क्रिकेटर गौतम गंभीर ने ट्वीट किए थे। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, "जवानों से बदसलूकी, मारपीट और गाली-गलौच का वीडियो वायरल हो रहा है।"दूसरी ट्वीट में लिखा, "हमारे आर्मी जवान को मारे गए हर थप्पड़ के बदले 100 जिहादियों को मार देना चाहिए। जिसको भी आजादी चाहिए, वो देश छोड़कर चला जाए। कश्मीर तो सिर्फ हमारा है।" "भारत विरोधी हमारे तिरंगे के तीन रंग का मतलब भूल गए? भगवा यानी गुस्से की आग। सफेद यानी जिहादियों के लिए कफन और हरा यानी आतंकवाद से नफरत।"
सहवाग भी साथ
गंभीर के साथ उनके लंबे वक्त के ओपनिंग पार्टनर रहे वीरेंद्र सहवाग भी जवानों से हुई हरकत पर बेहद खफा हैं। सहवाग ने ये वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। आप हमारे सीआरपीएफ जवानों के साथ ऐसा नहीं कर सकते। अब ये बंद हो जाना चाहिए। ये बदतमीजी की हद है।"