By September this rule related to checks will be applicable in all banks, Good news for bank customers
बिजनेस डेस्कः साल 2020 में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बेहतर और सुरक्षित चेक सिस्टम, चेक ट्रंकेशन सिस्टम यानी सीटीएस को पूरे देश में लागू करने का एलान किया था। शुक्रवार को मौद्रिक नीति समिति द्वारा लिए गए फैसलों की घोषणा करते हुए गवर्नर शक्तकांत दास ने कहा कि सभी शेष 18,000 शाखाएं, जो केंद्रीकृत समाशोधन प्रणाली चेक ट्रंकेशन सिस्टम के तहत नहीं हैं, उन्हें सितंबर तक सीटीएस के दायरे में लाया जाएगा। अभी इसके दायरे में लगभग 1,50,000 बैंक शाखाएं हैं।
बैंक ग्राहकों को होता है फायदा
सीटीएस के तहत भुगतान और जमाओं के लिए कागज रहित अभौतिक सत्यापन किया जाता है। अगर आप सीटीएस यानी चेक ट्रंकेशन सिस्टम वाले चेक का इस्तेमाल करते हैं, तो आपका काम जल्दी होता है। यह सुरक्षित आर्थिक लेनदेन की प्रक्रिया होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि आपके चेक को क्लीयर होने के लिए एक बैंक से दूसरे बैंक नहीं जाना होगा।
ऐसे काम करता है सीटीएस
इस प्रणाली के तहत चेक को क्लीयर करने के लिए एक बैंक से दूसरे बैंक ले जाने के बजाय इसकी इलेक्ट्रॉनिक इमेज भेजी जाती है, जिससे काम और आसान हो जाता है। इसके साथ ही अन्य जरूरी जानकारी जैसे एमआईसीआर बैंड, आदि भी भेजी जाती है। इसके माध्यम से समय की भी बचत होती है।
2010 में लाया गया था सीटीएस
बता दें कि चेक ट्रंकेशन सिस्टम भारत में सबसे पहले साल 2010 में लाया गया था। इसके बाद कई जगहों पर इसको लागू किया गया। प्रणाली के तहत बैंक चेक का एमआईसीआर बैंड और कैप्चर सिस्टम (स्कैनर, कोर बैंकिंग और अन्य एप्लीकेशन) की मदद से चेक की तस्वीर खींचता है।
सीटीएस के कई फायदे हैं। जैसे-
1. सीटीएस चेक की क्लीयरिंग 24 घंटे में संभव।
2. ऐसे चेक का फर्जी इस्तेमाल असंभव।
3. चेक के गुम होने की संभावना नहीं।
4. देश में किसी भी जगह किसी भी बैंक में क्लीयरिंग की सुविधा।
5. सभी बैंकों द्वारा मानक चेक सिस्टम को शुरू किया जाना।
धोखाधड़ी से बचने के लिए हेल्पलाइन स्थापित करेगा केंद्रीय बैंक
केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा कि वह धोखाधड़ी और चालबाजी के खिलाफ डिजिटल भुगतान सेवाओं के लिए एक लगातार चालू रहने वाली एक हेल्पलाइन स्थापित करेगा। आरबीआई ने साथ ही कहा कि वह जल्द ही परिचालकों और अधिकृत भुगतान प्रणालियों के प्रतिभागियों के लिए आउटसोर्सिंग दिशानिर्देश जारी करेगा। बेहतर उपभोक्ता सुरक्षा उपायों के तहत वह तीन लोकपाल योजनाओं- बैंकिंग लोकपाल योजना, एनबीएफसी के लिए लोकपाल योजना और डिजिटल लेनदेन के लिए लोकपाल योजना, को एकीकृत करेगा।
आरबीआई ने कहा कि वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्र को सरल और ग्राहकों के प्रति अधिक संवेदनशील बनाने के लिए तीनों लोकपाल योजनाओं को मिलाकर 'एक राष्ट्र एक लोकपाल' के नजरिए को अपनाने का निर्णय लिया गया है। एकीकृत लोकपाल योजना जून में शुरू की जाएगी।