रेलवे सेफ्टी कमिश्नर शैलेष पाठक ने घटना की जांच शुरू की
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने दुर्घटना में चूक को देखते हुए रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ए के मित्तल को शाम तक प्रारंभिक कार्रवाई करने का निर्देश
मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर के खतौली में 18477 पुरी-हरिद्वार कलिंग-उत्कल एक्सप्रेस की दुर्घटना में मानवीय लापरवाही के संकेत सामने आ रहे हैं। रात तक मेरठ सहारनपुर मार्ग पर यातायात बहाल होने के साथ उच्चाधिकारियों पर गाज गिरना भी लगभग तय माना जा रहा है, जिनमें मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) भी शामिल हैं। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने दुर्घटना में चूक को देखते हुए रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ए के मित्तल को शाम तक प्रारंभिक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। रात घटना स्थल का दौरा करके लौटे रेलवे बोर्ड के सदस्य (यातायात) मोहम्मद जमशेद ने संवाददाताओं को बताया कि रेल मंत्री के निर्देशानुसार आज शाम तक दुर्घटना की आरंभिक जिम्मेदारी तय कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि रेल सेफ्टी कमिश्नर (उत्तर क्षेत्र) शैलेष पाठक ने घटना की जांच शुरू कर दी है। दुर्घटना के कारणों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि पटरी पर काम चल रहा था, लेकिन सही कारणों का पता रिपोर्ट आने पर ही चलेगा। रेल मंत्री ने सुबह ट्वीट करके कहा कि रेलवे बोर्ड द्वारा रेल परिचालन में कोताही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को आज ही आरंभिक सबूतों के आधार पर जिम्मेदारी तय करने का निर्देश दिया है। सूत्रों ने बताया कि आरंभिक तौर पर पता चला है कि पटरी में कोई गड़बड़ी थी, जिसे तत्काल ठीक करने के लिए आपातस्थिति में काम शुरू कर दिया गया, लेकिन परिचालन स्टाफ के साथ सूचनाओं को साझा नहीं करने अथवा परिचालन स्टाफ द्वारा समुचित कदम नहीं उठाने की संभावनाएं हैं। दुर्घटना के समय ट्रेन पूरी गति से चल रही थी। दुर्घटना के वक्त सिगनल कैसा था और लोकोपायलट ने कहीं सिगनल देखने में चूक तो नहीं की, ऐसे सवालों के जवाबों के आधार पर जिम्मेदारी तय होगी। समझा जाता है कि रेलवे बोर्ड ने दोषी अधिकारियों की पहचान कर ली है। सूत्रों ने बताया कि आज रात 10 बजे तक मेरठ सहारनपुर रेलमार्ग पर यातायात बहाल होने की उम्मीद है। इसके बाद ही रेलवे बोर्ड उन दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की घोषणा करेगा। सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि रेलवे बोर्ड इस मामले में सख्त कदम उठाने को तैयार है और दिल्ली मंडल के वरिष्ठ मंडल अभियंता और स्वयं मंडल रेल प्रबंधक भी इस कार्रवाई के शिकार हो सकते हैं। शाम करीब पौने 6 बजे हुई इस दुर्घटना में 23 यात्रियों के मरने की पुष्टि हुई है। हालांकि, एक यात्री के मेरठ अस्पताल में सुबह मृत्यु की सूचना मिली है। हादसे में 400 यात्री घायल हुए हैं, लेकिन रेलवे बोर्ड ने मृतकों की संख्या 20 और घायलों की संख्या 92 बताई है, जिनमें 22 यात्रियों की हालत गंभीर है।