राज्य के पुलिस महानिदेशक सुलखान सिंह ने मरने व घायलों की पूष्टी की है
खतौली से मुजफ्फरनगर तक हाईवे को वन-वे किया,सौकड़ो एम्बूलैंस घायलों को अस्पताल पहुंचाने में लगी
मुजफ्फरनगर जिला चिकित्सालय में इमरजेंसी घोषित कर दी गई है
प्रवीण कुमार/विपिन चौधरी,मुजफ्फरनगरः राज्य के पुलिस महानिदेशक सुलखान सिंह ने बताया कि आज देर सायं लगभग 5 बजकर 46 मिनट बजे मुजफ्फरनगर के खतौली रेलवे स्टेशन के निकट कलिंग-उत्कल एक्सप्रेस के आठ डिब्बे पटरी से उतर गये। इस हादसे में 23 यात्रियों के मरने की पुष्टि हो चुकी है, जबकि चार सौ घायल हुए हैं, जिनमें से कई की हालत नाजुक बनी हुई है। सूत्रों ने बताया कि मेरठ और मुजफ्फरनगर से चिकित्सकों का दल मौके पर पहुंच गया है। रिलीफ ट्रेन मेरठ से रवाना कर दी गई है। मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी गौरीशंकर प्रियदर्शी ने स्थानीय स्तर पर डाक्टरों की व्यवस्था की है। मुजफ्फरनगर जिला चिकित्सालय में इमरजेंसी घोषित कर दी गई है और सभी चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मचारी घायलों के उपचार में जुट गये हैं। खतौली से मुजफ्फरनगर तक हाईवे को वन-वे करते हुए सैंकडों एम्बूलैंस घायलों को जिला चिकित्सालय व अन्य अस्पतालों में लाने के लिये लगा दी गई हैं। इस दुर्घटना की वजह से दिल्ली-देहरादून रेलमार्ग बाधित है। रेलगाडिय़ों के मार्ग परिवर्तित कर शामली और मुरादाबाद होकर भेजा जा रहा है। रेलवे और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी राहत एवं बचाव कार्य में लगे हुए हैं। दुर्घटनाग्रस्त ट्रेन से सपरिवार हरिद्वार जा रहे रामचन्द्र सिंह ने बताया कि हादसे के समय वह परिवार के साथ कुछ खा रहे थे कि एक तेज आवाज हुई और देखते-देखते कोहराम मच गया। ट्रेन में अफरा-तफरी का माहौल था। लोग बचने के लिए इधर-उधर भागने की कोशिश करते दिखे। चंद सेकेंड में नजारा बदल गया और हंस बोल रहे यात्रियों में चीख पुकार मच गयी। श्री सिंह के अनुसार प्रशासन से पहले स्थानीय लोगों ने यात्रियों की मदद की। घायलों को डिब्बों से निकालना शुरु किया और अपनी निजी गाडिय़ों से अस्पताल ले जाते देखे गये। उन्होंने बताया कि हादसे के समय धमाका भी सुना गया, लेकिन अधिकारियों ने धमाके की पुष्टि नहीं की है। एडीजी कानून व्यवस्था आनन्द कुमार ने एटीएस की टीम को भी जांच हेतु मौके पर भेजा है। राहत एवं बचाव कार्य तथा सुरक्षा की दृष्टि से 9 कम्पनी पीएसी की मौके पर तैनात की गई है। डिब्बों में फंसे यात्रियों को निकालने के लिये गैस कटर का इस्तेमाल किया जा रहा है और घायलों को बहुत तेजी से मुजफ्फरनगर, खतौली, मेरठ के अस्पतालों में भेजा जा रहा है।