Indo-UK will jointly end the militant organizations like Lshakr and Jaish
अर्तराष्ट्रीय डेस्कः भारत और ब्रिटेन ने पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-ताइबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई के लिए मिलकर आपसी सहयोग बनाने का संकल्प लिया है। पीएम मोदी और टेरीजा ने मुलाकात के दौरान आतंकी घटनाओं और आतंकवाद के सभी स्वरूपों की पुरजोर निंदा की है। दोनों देशों ने दोहराया कि आतंकवाद को किसी भी तरह सहन नहीं किया जा सकता है। मानवता के दुश्मन को किसी धर्म, पंथ, राष्ट्रीयता और जातीयता से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। विदेश सचिव विजय गोखले के अनुसार, आतंकवाद से लड़ाई के मुद्दे पर ब्रिटिश पीएम ने कहा कि उनका देश इस दानवों से निपटने के लिए भारत के सामरिक सहयोगी के रूप में खड़ा है। उधर, ब्रिटिश पीएम के आधिकारिक आवास की ओर से जारी बयान के अनुसार, सीरिया हवाई हमला, आतंकवाद से लड़ाई, कट्टरता और ऑनलाइन उग्रवाद जैसे मुद्दे दोनों नेताओं की बातचीत में प्रमुख रहे। इससे पहले, दोनों नेता इस बात सहमत दिखे कि आतंकवाद और आतंकी संगठनों को कट्टरता, आतंकियों की भर्ती और बेगुनाह लोगों पर हमले के लिए जगह नहीं दी जानी चाहिए। इसके लिए सभी देशों को आतंकी नेटवर्क को ढहाने, उनकी फंडिंग और आतंकी गतिविधियों पर रोकथाम के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है। दोनों नेताओं ने लश्कर-ए-ताइबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन, हक्कानी नेटवर्क, अल कायदा, आईएसआईएस और उससे जुड़े संगठनों समेत सभी अंतरराष्ट्रीय आतंकियों पर निर्णायक कार्रवाई के लिए आपसी सहयोग मजबूत करने पर भी सहमति जताई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ब्रिटिश पीएम टेरीजा मे से मुलाकात की है। दोनों देशों में द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को आगे बढ़ाने पर चर्चा हुई। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, यूरोपीय यूनियन (ईयू) से अलग होने के बाद भी भारत के लिए ब्रिटेन के महत्व में कोई कमी नहीं आई है। दोनों नेताओं ने ब्रेग्जिट के बाद के द्विपक्षीय संबंधों में नई ऊर्जा भरने पर सहमति जताई। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, दोनों नेताओं में भारत-ब्रिटेन रिश्तों के विभिन्न पहलुओं और आतंकवाद से निपटने, कट्टरता तथा ऑनलाइन उग्रवाद जैसे विषयों पर उपयोगी चर्चा हुई। पीएम मोदी सुबह नाश्ते पर हुई बैठक के लिए 10, डाउनिंग स्ट्रीट पहुंचे थे। यहां उनका पीएम टेरीजा में ने हाथ मिलाकर स्वागत किया। इस दौरान मे ने कहा, ‘लंदन में आपका स्वागत है मिस्टर प्राइम मिनिस्टर।’ मुलाकात के बाद एक ट्वीट में पीएम मोदी ने कहा, पीएम टेरीजा मे से 10, डाउनिंग स्ट्रीट पर हुई मुलाकात शानदार रही। हमने द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर उपयोगी चर्चा की। इसके बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि दोनों नेताओं ने ब्रेग्जिट के बाद द्विपक्षीय संबंधों को फिर से परिभाषित करने और उसमें नई ऊर्जा भरने के लिए व्यापक स्तर पर वार्ता की। 23 जून, 2016 को एक जनमत संग्रह के बाद ब्रिटेन ने 28 देशों के यूरोपीय यूनियन से अलग होने का फैसला किया था। इसी को ब्रेग्जिट कहा जाता है। एक प्रवक्ता ने कहा, पीएम मोदी ने कहा कि ब्रेग्जिट के बाद भी भारत के लिए ब्रिटेन के महत्व में कोई कमी नहीं आई है। वैश्विक बाजार तक पहुंच बनाने के लिए भारत लंदन को बहुत महत्व देता है। यह हमेशा बना रहेगा। इस दौरान पीएम टेरीजा ने मोदी को ईयू से अलग होने के बाद हुई प्रगति से अवगत कराया। उन्होंने कहा क्रियान्वयन के लिए तय किया गया मार्च का महीना भारत कंपनियों और निवेशकों को यह भरोसा दिलाएगा कि 2020 तक उनके लिए बाजार मौजूदा शर्तो पर ही उपलब्ध रहेगा। दोनों नेताओं ने कहा कि भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार पिछले साल काफी बढ़ा है। दोनों ने व्यापार में आने वाली बाधाओं को कम करने के लिए भारत-ब्रिटेन संयुक्त व्यापार समीक्षा की सिफारिशों पर सहमति जताई। मोदी और टेरीजा मे के बीच भारत-ब्रिटेन नई तकनीक साझेदारी पर भी चर्चा हुई। इससे दोनों देशों में बड़ा संख्या में रोजगार और निवेश के अवसर पैदा होंगे। दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामकता के बीच मोदी और टेरीजा मे ने माना कि एक सुरक्षित, स्वतंत्र, खुला, समावेशी और समृद्ध भारत-प्रशांत क्षेत्र भारत, ब्रिटेन और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के हित में है।