Bahraich city delighted in devotion of the Lord Ganesha
वरिष्ठ पत्रकार अशफांख खां,बहराइचः गणेश चतुर्थी के अवसर पर शहर का माहौल भक्ति में सराबोर है । पंडालों में स्थापित भगवान गणेश की पूजा अर्चना करने लोगों की भारी भीड़ उमड़ी रही है। पूजा के समय पंडालों की शोभा देखते ही बनती है। कजरीतीज की शाम को शहर की सबसे पुरानी ब्राह्मणीपुरा स्थित मोटेश्वर महादेव मंदिर के निकट श्री गणेश पूजा महोत्सव समिति के तत्वाधान में मुम्बई से लाई गई गजानन की प्रतिमा स्थापित की गई । 13 सितम्बर को विधि विधान से वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भगवान गणेश की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा हुई । इसी तरह शहर के अन्य पंडालों में भी रात्रि में भक्तों द्वारा पूजा अर्चना एवं भक्तिमय कार्यक्रम आयोजित किए गए । 14 सितम्बर को सुन्दर काण्ड का संगीतमय आयोजन,15 सितम्बर को विशाल जवाबी कीर्तन हमीरपुर की पूनम आजाद और छतरपुर मध्यप्रदेश निवासी ओम प्रकाश मनहर के मध्य आयोजित होगा । 18 सितम्बर को माँ भगवती जागरण,20 सितम्बर को पुनः जवाबी कीर्तन छतरपुर मध्यप्रदेश की ही नीलम विश्वकर्मा व उरई जालौन निवासी मुकेश मृदुल के मध्य होगा । 21 सितम्बर को साध्वी मीराबाई की भजन संध्या,22 सितम्बर को भगवान श्री गणेश की महाआरती एवं महाश्रृंगार 23 सितम्बर को विशाल शोभायात्रा निकाली जाएगी । शहर के एक अन्य पूजा स्थल पर श्री गणपति पूजन महोत्सव समिति के तत्वाधान में बहराइच के राजा के सेवकों ने भी काशी से आये विद्वानों द्वारा विधि विधान से गुरुवार को प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा कराई । यहां भगवान गणेश की प्रतिमा को राजा के रूप में दर्शाया गया है जो भक्तों का मन मोह रही है । समिति के महामंत्री हिमांशु गुप्ता व संयोजक विनय रस्तोगी ने बताया कि भगवान गजानन की प्रतिमा का निर्माण बहराइच निवासी अशोक कुमार ने किया है । यहां बॉलीवुड के प्लेबैक सिंगर एवं चर्चित भजन गायक तरुण सागर एन्ड पार्टी द्वारा माँ भगवती जागरण का आयोजन 17 सितम्बर को होगा । इसके बाद विशाल भण्डारा महाआरती एवं महाप्रसाद का आयोजन भी किया गया है । इसके पूरे जनपद में गणपति की धूम है । शहर के गुदड़ी किला,शखैयापुरा, मीराखेलपुरा,धनकुट्टीपुरा,बशीरगंज,काजीपुरा सहित नगर के तमाम स्थानों पर एकदन्त की प्रतिमा की स्थापना की गई है ।नगर में अलग-अलग स्थानों पर भगवान गजानन की प्रतिमाओं को आयोजकों द्वारा स्थापित किया गया है । सभी स्थानों पर शाम होते ही भक्तों का तांता लग जाता है। नगर के भक्तों के साथ ही साथ ग्रामीण क्षेत्रों से भी भगवान गजानन के भक्त उनकी पूजा आराधना करने पहुंच जाते हैं। शाम की आरती सभी पंडालों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। जिसमें बड़ी संख्या में नगर की महिलाएं बच्चे एवं वृद्ध भी सम्मिलित होते हैं।