ब्रेकिंग न्यूज़

बेहतर एजुकेशन और हेल्थ के लिए छोड़ रहे लोग गांव

EDUCATION share via Whatsapp
इंडिया न्यूज़ सेंटर, देहरादून । अमूमन पहाड़ के गांवों तक सड़क मार्ग न होना अभी तक पलायन का एक बहुत कारण माना जाता रहा है. कुछ वर्षो में यह देखने में आया है कि पहाड के जिन भी गावों में सड़क पहुंची वहां पलायन की रफ्तार दोगुनी हो गई. जानकारों का मानना है सिर्फ कनेक्टिविटी ही नहीं बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए लोग उत्तराखंड के गांवों से पलायन कर रहे हैं. हालांकि पहले यह माना जाता था कि जिन गावों में सड़क नही है, वहां मंत्री से लेकर अधिकारी तक पैदल आने से कतरातें है और वहां की समस्याएं अनसुनी रह जाती है. लेकिन विषम भोगौलिक क्षेत्रफल वाले जनपद पौड़ी के कुछ गांवों की आज हम आपको ऐसी तस्वीर दिखाने जा रहें है कि जो गांव सड़क मार्ग से जितनी जल्दी जुड़ते चले गये वह उतनी जितनी जल्दी खाली भी होते चले गये. जनपद पौड़ी के विस्ताना, तलई, बैसोखी, खेतु, धौड़ा गांवों के साथ ही दर्जनों ऐसे गांव है जहां भरी दोपहरी में भी सन्नाटा छाया हुआ है.कुछ सालों पूर्व तक इन गांवों के घरों के आंगन में बच्चों की किलकारियां गूंजा करती थी. विकास की पहली सीढ़ी कहीं जाने वाली सड़क इन गांवों तक क्या पहुंची कि गांवों के गांव ही खाली हो गये. हालांकि पहले यह माना जाता था कि मीलों पैदल दूरी तय करने वाले ग्रामीण सड़क नहीं होने के चलते पलायन करने के लिए मजबूर हैं, लेकिन हालात अब धीरे-धीरे बदल रहें हैं. अब जिन भी गांवों में सड़क की सहूलियत हो रही है, वह पहले खाली हो रहें हैं. ग्रामीणों की यदि मानें तो अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए ही वह शहरों की ओर भागने के लिए मजबूर हो रहें है. हालांकि सरकारें अभी तक गांवों में सड़क मार्ग ने होने के चलते इसको विस्थापन की सबसे बड़ी वजह मान कर चल रही थी. लेकिन गांव बचाओं की मुहिम को लेकर पिछले 10 सालों से काम कर रहें पद्मश्री डा.अनिल जोशी की यदि मानें तो पलायन के लिए सबसे बड़ी अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था जिम्मेदार है जिसको राज्य गठन के इन 16 सालों में हमारी सरकारें ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित करने में नाकाम रही है. उधर दूसरी ओर गांव बचाने की मुहिम चालने वाले पद्मश्री डॉ. अनिल प्रकाश जोशी भी मानते है कि जिन पर्वतीय क्षेत्र के गांवों में सड़क पहुंची वहां पलायन की रफ्तार दोगुनी हो गई. जिसके लिए वह एसी कमरों में बैठकर गांव बचाने की बात करने वाले राजनेताओं और अधिकारियों को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराते है. लिहाजा यह बात अब उन्हें भी समझ लेनी चाहिए कि अब सिर्फ गावों तक सड़क पहुंचाने से पलायन नहीं रुकने वाला. बल्कि जब तक अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य की गांवों में व्यवस्था नहीं होगी तब तक पलायन रोकने की कोशिशें कामयाब नहीं होने वाली. वास्तव में आज जरूरत है पहाड़ से खाली होते गांवों को बचाने के लिए जमीनी स्तर पर गांवों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने की. ताकि सुविधाओं की तलाश में ग्रामीण अपने घरों को छोड़ने के लिए मजबूर न हो
EDUCATION
Source:

Leave a comment





यूपीः सपा प्रमुख ने कांग्रेस को दिया 17 सीटों का प्रस्ताव, अमेठी व रायबरेली सहित ये सीटें शामिल --- यूपीः अखिलेश ने मुजफ्फरनगर सीट पर बैठाया ये सियासी गणित, हरेंद्र मलिक के सहारे चला बड़ा दांव --- प्रधानमंत्री ने लखनऊ, उत्तर प्रदेश में विकसित भारत विकसित उत्तर प्रदेश कार्यक्रम को संबोधित किया --- समाजवादी पार्टी ने 11 और उम्मीदवारों का किया एलान --- स्वामी प्रसाद मौर्य नई पार्टी का गठन करेंगे, नाम व झंडा लॉन्च किया, मनाने पहुंचे सपा नेता --- यूपीः वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर के पास बारिश से ढह गई पुरानी ईमारत, पांच की मौतः पांच घायल --- गैंगस्टर एक्ट: मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी भी दोषी करार, 4 साल की सजा, संसद सदस्यता जाना भी तय