Punjab to launch micro ATMs in coop institutions across the state
Cash withdrawal facility to be available at 3535 locations in villages)
Punjab Coop bank makes strides for core banking solutions
(Aims to ensure banking services in all unbanked rural areas
(गांवों में 3535 सोसाईटियों पर रुपये निकलवाने की सुविधा मिलेगी
(सहकारिता विभाग द्वारा सभी गांवों में बैंकिंग सेवाएं पहुंचाने का लक्ष्य
इंडिया न्यूज सेंटर,चण्डीगढ़: पंजाब सरकार ने ग्रामीण स्तर पर कोर बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए गांवों में स्थित 3535 प्राथमिक कृषि सहकारी सोसाईटियों (पी.ए.सी.एस) और जि़ला केंद्रीय सहकारी बैंकों (डी.सी.सी.बी.) में माईक्रो ए.टी.एम स्थापित करने का फ़ैसला किया है। इस संबंधी अतिरिक्त मुख्य सचिव-सह-वित्तीय कमिश्नर, सहकारिता श्री डी.पी. रैड्डी ने बताया कि सहकारिता विभाग ने किसानों की वित्तीय स्थिति सुधारने और पंजाब में विकास की रफ़्तार तेज़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और विभाग ने अपने निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति करने के उद्देश्य के अंतर्गत गांव वासियों के द्वार पर सहकारी सेवाओं और आवश्यक सुविधांए उपलब्ध करवाई हैं। उन्होंने बताया कि गांवों तक डिजिटल लेन-देन की सुविधा प्रदान करने के लिए नाबार्ड ने सहकारी विभाग की ओर से इस संबंधित भेजे प्रस्ताव को स्वीकृत करते हुये 4545 माईक्रो ए.टी.एम डिवाइस पर आने वाले खर्चे का 90 प्रतिशत हिस्सा देने की स्वीकृति दे दी है। उन्होंने कहा कि पंजाब राज्य सहकारी बैंक से राज्य के 20 जि़ला केंद्रीय सहकारी बैंक पहले ही देश के अग्रणी सहकारी संस्थान बन चुके हैं जिनमें ए.टी.एम, पी.ओ.एस /ई -कामर्स सेवाएं शुरू की जा चुकीं हैं और इस प्राप्ति के लिए नाबार्ड की तरफ से सम्मानित भी किया गया है। रैड्डी ने कहा कि सन 1949 से कार्यशील पंजाब की कृषि सहकारी बैंकों की तरफ से समाज के सभी वर्गों के लिए ज़रूरी कजऱ् सेवाएं प्रदान की जा रही हैं और अपने हिस्सेदारों की ज़रूरत के अनुसार कृषि, भवन निर्माण, चीनी उत्पादन और डेयरी आदि के क्षेत्रों में हर संभव मदद की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस डिजिटल युग के दौरान राज्य के प्रमुख सहकारी बैंक ने बैंकिंग सुविधांओं से वंचित में डिजिटल बैंकिंग के द्वारा सेवाएं देने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि यह विलक्षण पहल सहकारी संस्थाओं के विस्तार में वृद्धि करेगी और साथ ही सहकारी बैंकों और सभाओं को अतिरिक्त राजस्व भी प्राप्त होगा। माईक्रो ए.टी.एम. के लाभ संबंधी बताते हुये श्री रेड्डी ने कहा कि इन उपरकरणों द्वारा आम लोगों को बैंक खातों में बकाये की जानकारी, नकदी संचित करने या निकलवाने, पैसे भेजने और प्राप्त करन जैसी सुविधांए प्राप्त होगी। जो हिस्सेदार किसान क्रेडिट कार्ड (के.सी.सी) को अपने उद्देश्य के लिए अन्य बैंकों के ए.टी.एम. का प्रयोग कर रहे हैं, वह अब गांवों में सहकारी सभाओं पर इन माईक्रो ए.टी.एम. का प्रयोग कर सकेंगे और दूसरे बैंकों को अन्य बैंक ट्रांसपोर्टेबल लागत अदा करने से बच सकेंगे। इसके अलावा बैंक ग्राहक इन स्थानों पर किसी अन्य बैंक के डेबिट कार्ड भी इस्तेमाल कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि अब गांव वासियों को ए.टी.एम. ढूूंढने के लिए दूर-दराज नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इन कोर बैंकिंग सुविधाओं के लागू होने से किसान माईक्रो ए.टी.एम. और के.सी.सी. कार्ड इस्तेमाल करके हर किस्म के खाद, बीज आदि नज़दीकी सहकारी केन्द्रों से प्राप्त कर सकेंगे। इन ए.टी.एम. के द्वारा सहकारी बैंकों और ब्रांचों बायोमैट्रिक या पिन के द्वारा आधार नंबर और ग्राहक की पहचान करने के लिए ग्राहक को कोर बैंकिंग में मदद मिलेगी। रैड्डी ने बताया कि पंजाब राज्य सहकारी बैंक द्वारा नेशनल इनफार्मेटिक सैंटर (एन.आई.सी) के साथ समझौता किया गया है जिसके अंतर्गत सहकारिता कोर बैंकिंग एप्लीकेशन की तैयारी के पश्चात समस्त बैंकों और शाखाओं में डिजिटल बैंकिंग सेवाएं ग्राहकों को प्रदान की जा रही हैं। इन डिजिटल एप्लीकेशन्ज के कारण बैंक कर्मचारी अपने ग्राहकों को तुरंत सेवाएं देने, शिकायतों का तुरंत हल करने, पारदर्शिता के द्वारा ऋण की शीघ्र अदायगी और सदस्यों को एक ही खिडक़ी पर सारी जानकारी और सुविधा मुहैया हो सकेगी। उन्होंने कहा कि ऐसी कम्प्यूटरीकृत सुविधा से बैंकों में कम स्टाफ की ज़रूरत पड़ेगी और सेवाएं कम लागत पर मुहैया करवाते हुए जहां सहकारिता लहर के सदस्य किसानों को डिवीडैंड की अदायगी होगी वहीं सहकारी बैंकों को भी लाभ हो सकेगा।