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निजी अस्पतालों के लिए कोविड वैक्सीन की कीमतें तय करने सम्बन्धी केंद्र सरकार ने निर्णय बहुत देरी से लिया: बलबीर सिंह सिद्धू

GoI's orders to Cap Covid Vaccine Prices for Private Hospitals is Late & Hasty Decision: Balbir Singh Sidhu share via Whatsapp

GoI's orders to Cap Covid Vaccine Prices for Private Hospitals is Late & Hasty Decision: Balbir Singh Sidhu


इंडिया न्यूज सेंटर,चंडीगढ़: पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि निजी अस्पताल में कोविड टीकों की कीमतों को तय करने का केंद्र सरकार का फ़ैसला बिना सूझबूझ से और बहुत देरी से लिया गया है। टीकों की अधिक कीमतों पर रोक लगाने संबंधी केंद्र सरकार के हाल ही में लिए गए फ़ैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए स. सिद्धू ने कहा कि यह फ़ैसला उस समय पर लिया गया है जब निजी अस्पतालों ने टीकाकरण के ज़रिये पहले ही भारी लाभ कमा लिया है, जबकि भाजपा नेताओं ने झूठे दोष लगाए हैं कि पंजाब सरकार निजी अस्पतालों को टीके सप्लाई करके लाभ कमा रही है।

 

केंद्र सरकार द्वारा टीकों की सारी खरीद को अपने दायरे में लेने के ताज़ा फ़ैसले पर प्रतिक्रिया ज़ाहिर करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों के पास खऱीद के लिए भारत सरकार की तरह एकाधिकारी नहीं है, जो देश की समूह आबादी के लिए उपयुक्त कीमत पर टीकों की खऱीद के लिए बातचीत के द्वारा समझौता कर सकतीं हैं क्योंकि भारत सरकार कोविशील्ड वैक्सीन 150 रुपए प्रति डोज़ के हिसाब से प्राप्त कर रही थी, जबकि राज्य सरकार को इसके लिए जी.एस.टी. समेत 315 रुपए अदा करने पड़ रहे थे।

 

स्वास्थ्य मंत्री ने मोदी सरकार को यह भी सलाह दी कि समाज के सभी वर्गों को मुफ़्त टीके लगाने चाहिएं, क्योंकि भाजपा ने चुनावों के दौरान कई राज्यों में ऐलान किया था कि सभी को मुफ़्त कोविड वैक्सीन मुहैया करवाई जाएगी। सभी को मुफ़्त टीका लगवाने के मद्देनजऱ, भारत सरकार को निजी संस्थाओं को दिया गया 25 प्रतिशत कोटा ख़त्म करना चाहिए।

 

स्वास्थ्य मंत्री ने मोदी सरकार को कहा कि उनको नई नीति के अधीन राज्य सरकारों द्वारा कोविड वैक्सीन के लिए की सारी अदायगी वापस कर देनी चाहिए। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की टीकाकरण नीति को देखते हुए राज्य सरकार ने शुरूआत में केवल गरीब और सबसे अधिक योग्य वर्गों जैसे सह-रोगों वाले मरीज़ों, निर्माण कामगार और स्वास्थ्य कर्मचारियों के परिवारों को प्राथमिकता देने का फ़ैसला किया। उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों में 18-44 उम्र वर्ग के उन लोगों का टीकाकरण पूरा करने की उम्मीद की जा रही है जिन विद्यार्थियों और व्यक्तियों को नौकरियों के लिए विदेशों में जाना पड़ रहा था और उनको किसी भी प्राथमिक समूह में शामिल नहीं किया गया था।

 

उन्होंने कहा कि मई महीने के दौरान कोरोना महामारी की दूसरी लहर के शिखर को देखते हुए 18-44 उम्र वर्ग के बहुत से नौजवानों ने पंजाब सरकार से अपील की कि अन्य राज्यों की तरह पंजाब के निजी अस्पतालों में कोई टीकाकरण उपलब्ध नहीं है, इसलिए वैक्सीन खरीदने के लिए निजी अस्पतालों को वैक्सीनेशन लेने के लिए कहा गया, परन्तु कुछ अस्पताल निर्माताओं से सीधे ही सीमित सप्लाई प्राप्त कर सके, जबकि बाकी बचे अस्पतालों ने राज्य सरकार से सहायता की माँग की।

स. सिद्धू ने बताया कि टीका उस कीमत पर निजी अस्पतालों को दिया जाता था, जिस कीमत पर वह निर्माताओं से खरीदते थे। निजी अस्पतालों से ली जाने वाली रकम को स्टेट वैक्सीन फंड में डाल दिया जाता था, जिससे गरीबों और ज़रूरतमंदों के लिए टीके खऱीदे जा सकें।

 

स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट किया कि किसी भी टीके और दवा की कीमत तय करना भारत सरकार के दायरे में आता है और निजी अस्पतालों में टीकों की कीमतें निर्धारित करने सम्बन्धी ताज़ा निर्देश सभी डिप्टी कमिश्नरों और सिविल सर्जनों को जारी किए गए हैं, जिससे इसकी पालना को यकीनी बनाया जा सके।

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Source: INDIA NEWS CENTRE

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