Great news for jewelers! There is no penalty and punishment at the moment for not having mandatory hallmarking on gold
न्यूज डेस्क, नई दिल्लीः पांच लाख से अधिक ज्वेलर्स को बड़ी राहत दी गई है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने एसेइंग और हॉलमार्किंग सेंटर्स के मामले में पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के चलते हॉलमार्किंग प्रावधानों का अनुपालन नहीं कर पा रहे ज्वैलर्स पर कड़ा एक्शन लेने या जुर्माना लगाने से BIS को रोक दिया है। यह रोक अगली सुनवाई तक के लिए है, जो 14 जून 2021 को होगी। पीठ ने अधिकारियों को भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) अधिनियम की धारा 29 (2) के तहत ज्वेलर्स के खिलाफ कोई भी कठोर कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया।
1 जून 2021 हॉलमार्किंग अनिवार्य
बता दें कि BIS के प्रावधानों के तहत देश में गोल्ड ज्वेलरी पर हॉलमार्किंग 1 जून 2021 से अनिवार्य होने वाली है। इस नए नियम के लागू होने के बाद ज्वेलर्स बिना हॉलमार्क वाली गोल्ड ज्वैलरी न ही स्टोर कर सकेंगे और न ही बेच सकेंगे।
GJC ने दायर की थी याचिका
ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वेलरी डोमेस्टिक काउंसिल ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की, जिसमें हॉलमार्किंग को अनिवार्य बनाने की अंतिम तिथि बढ़ाने का अनुरोध किया गया था। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि तर्क यह है कि गोल्ड ज्वेलरी पर 1 जून से हॉलमार्किंग अनिवार्य करने के प्रावधान से देश के 5 लाख ज्वैलर्स के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। कोर्ट में इस मामले में रिट पिटीशन ऑल इंडिया जेम एंड ज्वेलरी डॉमेस्टिक काउंसिल (GJC) ने दायर की थी। GJC, ज्वेलर्स के प्रमोशन, प्रोटेक्शन और उन्नति को सुनिश्चित करती है.
जानें क्या कहा GJC ने?
GJC के पूर्व चेयरमैन नितिन खंडेलवाल ने कहा कि अगर अनिवार्य हॉलमार्किंग को लेकर BIS कानून का पालन नहीं किया गया तो पेनल्टी तो है ही, साथ ही अधिकतम 1 साल की जेल भी हो सकती है। कोर्ट को यह भी बताया गया था कि दी गई समयावधि में सभी ज्वैलर्स के लिए उनके पास मौजूद सभी ज्वैलरी की हॉलमार्किंग करा लेना संभव नहीं है। उन्होनें कहा कि कोर्ट को यह भी बताया गया था कि कुछ अन्य परेशानियां भी हैं जो मौजूदा कोविड19 प्रतिबंधों की वजह से पैदा हुई हैं। प्रतिबंधों के कारण व्यक्ति एक जिले से दूसरे जिले में यात्रा नहीं कर सकता और ऐसे कई जिले हैं। ऐसे में कोर्ट की ओर से मिली राहत ज्वैलर्स के लिए बेशक बड़ी राहत है।