Excessive Use of Pesticides Hurting Basmati Exports- Pannu
· Massive Awareness Campaign under TP Mission for ‘Pesticides Free Basmati’
· Over 250 Camps Awareness Camps/Seminars held in a month
‘कीटनाशक मुक्त बासमती’ के लिए तंदुरुस्त पंजाब मिशन के अंतर्गत चलाई जागरूकता मुहिम
एक महीने में 250 से अधिक जागरूकता कैंप /सैमीनार करवाए आयोजित
इंडिया न्यूज सेंटर,चंडीगढ़: मिशन तंदुरुस्त पंजाब के मैनेजिंग डॅायरैक्टर काहन सिंह पन्नू ने बताया कि बासमती में कीटनाशकों के अधिक प्रयोग के विरुद्ध भी जागरूकता मुहिम चलाई जा रही है। पन्नू ने कहा कि विश्व को बासमती के निर्यात में पंजाब अग्रणी राज्य है । परन्तु कीटनाशकों का अधिक प्रयोग होने के कारण यूरोपीय यूनियन, अमरीका और विश्व के अन्य बाज़ारों मेंं माँग में गिरावट दर्ज हुई है। पिछले तीन सालों में 400 निर्यात ऑर्डर रद्द हो गए है।क्योंकि भारतीय कौंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकनॉमिक रिलेशंस (आईसीआरआईईआर) के मुताबिक इसमें कीटनाशकों का स्तर तय सीमा से काफ़ी ज़्यादा है।पंजाब राईस मिल्लर्ज़ एक्सपोर्टस एसोसिएशन ने हाल ही में राज्य सरकार को बताया कि कीटनाशकों के उच्च स्तर के कारण यूरोपीयन यूनियन और अमरीका से बासमती के ऑर्डर बड़े स्तर पर रद्द हुए हैं। उन्होंने बताया कि एसफेट, कैबैंडाजि़म, थियामैटोसैम, ट्रिकलाज़ोल और ट्रिज़ाफोस जैसे पाँच कीटनाशकों के कारण समस्या आ रही है। यह कीटनाशक ‘केंद्रीय इनसैक्टीसाईड्ज़ बोर्ड और रजिस्ट्रेशन कमेटी’ के पास रजिस्टर्ड होने के कारण केंद्र सरकार इनसैक्टीसाईड एक्ट, 1968 के अनुसार इन पाँच कीटनाशकों की बिक्री /प्रयोग पर रोक नहीं लगा सकती।पन्नू ने बताया कि इस कारण ‘कीटनाशक मुक्त बासमती’ की मुहिम चलाई जा रही है, जिसके अंतर्गत इन पाँच कीटनाशकों के पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी द्वारा सुझाए विकल्पों का प्रचार किया जा रहा है। उन्होंने समझाया कि 50 हज़ार करोड़ रुपए के चावल निर्यात कारोबार पर पडऩे वाले बुरे प्रभाव की क्षतिपूर्ति किसानों को भी भुगतनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य वाली फसलों के घेरे में न आने के कारण बासमती की खऱीद सरकारी एजेंसियों की जगह व्यापारियों पर ही निर्भर है। देश में पैदा होने वाली बासमती में से 90 प्रतिशत निर्यात की जाती है और यदि निर्यात को नुक्सान होता है तो राज्य के किसानों को सीधे तौर पर नुक्सान पहुँचेगा। इसलिए मिशन तंदुरुस्त पंजाब के अंतर्गत राज्य के किसानों को इस मसले पर जागरूक करने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है और किसानों को कीटनाशक मुक्त बासमती के प्रति जागरूक करने के लिए व्यापक स्तर पर मुहिम चलाई जा रही है। इस मुहिम के अंतर्गत की जाने वाली कार्यवाहियों संबंधी जानकारी देते हुए श्री पन्नू ने कहा कि कृषि विभाग की एक्स्टेन्शन टीमें पंजाब राईस मिल्लर्ज़ एक्सपोटर्ज़ एसोसिएशन के साथ मिलकर सैमीनार /जागरूकता कैंप लगा रही हैं और 15 जुलाई 2018 तक 250 से अधिक कैंप लगाऐ जा चुके हैं।जिले और ब्लॉक स्तर पर कीटनाशक डीलरों की मीटिंगें करवाई जा रही हैं जिससे उनको कीटनाशकों के अवशेष की समस्या संबंधी जागरूक करके इस मुहिम में शामिल होने के लिए कहा जाये। उनको यह कीटनाशक न बेचने के लिए समझाया जा रहा है और यह लाजि़मी किया गया है कि वह बिल पर उस फ़सल का नाम लिखेें, जिसके लिए कीटनाशक बेचा गया है। इसी तरह किसानों को इन पाँच कीटनाशकों के बुरे प्रभावों और इनके विकल्पों संबंधी बताने के लिए सभी ब्लॉकों /गाँवों में तय प्रोग्राम के मुताबिक किसान जागरूकता कैंप लगाऐ जा रहे हैं। जागरूकता पैदा करने के लिए पोस्टर, बैनर्ज़ और वॉट्सएप संदेशों के अलावा गुरुद्वारों से मुनादी करवाई जा रही है।
मिशन डायरैक्टर ने बताया कि जागरूकता मुहिम के साथ साथ किसानों द्वारा खऱीदे गए कीटनाशकों के बिल जांचने की कार्यवाही भी शुरू की गई है जिससे बढिय़ा गुणवत्ता वाले कीटनाशक ही किसानों तक पहुँचाने को यकीनी बनाया जा सके।