U.S Govt will Provide Green Card to 15000 Indian Docotrs and 25000 nurses
अंतर्राष्ट्रीय,न्यूज़ डेस्क: अमेरिका और ब्रिटेन के हेल्थ सेक्टर में बड़ी संख्या में भारतीय और अन्य देशों के लोग काम करते हैं। कोरोना संक्रमण ने अमेरिका की स्वास्थ्य व्यवस्था को भी हिलाकर रख दिया है। ऐसे में इसकी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए अमेरिकी संसद में एक विधेयक पेश किया गया है। ये बिल कानून बना तो अमेरिका में रह रहे भारतीय डॉक्टर्स और नर्सों को ग्रीन कार्ड देने या स्थानीय कानूनी निवास का अधिकार हासिल हो जाएगा। द हेल्थकेयर वर्कफोर्स रेसिलिएंस एक्ट' से उन ग्रीन कार्ड्स को जारी किया जा सकेगा, जिन्हें पिछले वर्षों में कांग्रेस ने मंजूरी दी थी लेकिन उन्हें किसी को दिया नहीं गया। इस विधेयक से हजारों डॉक्टर्स, नर्स और अन्य मेडिकल स्टाफ अमेरिका में स्थायी रूप से काम कर सकेंगे। इस विधेयक से कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान 25,000 नर्सों और 15,000 डॉक्टरों को ग्रीन कार्ड जारी किए जाएंगे तथा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि चिकित्सा पेशेवरों की कमी न हो।
H-1B या J-2 वीजा वालों को सीधा फायदा
इस कदम से बड़ी संख्या में उन भारतीय नर्सों और डॉक्टरों को फायदा होने की संभावना है, जिनके पास या तो एच-1बी या जे2 वीजा हैं। प्रतिनिधि सभा में इस विधेयक को सांसद एबी फिनकेनॉर, ब्रैंड श्नीडर, टॉम कोले और डॉन बैकन ने पेश किया। सीनेट में डेविड परड्यू, डिक डर्बिन, टॉड यंग और क्रिस कून्स ने इस विधेयक को पेश किया। कांग्रेस सदस्य फिनकेनॉर ने कहा, 'हम जानते हैं कि यह विषाणु जादुई ढंग से गायब नहीं हो जाएगा और डॉ. एंथनी फॉसी जैसे विशेषज्ञ संक्रमण के दूसरे दौर की चेतावनी दे रहे हैं। खासतौर से ग्रामीण इलाकों में हालात नाजुक हैं और वहां पहले से ही चिकित्सा पेशेवरों की कमी है।
इससे पहले भी की राहत की सिफारिश
इससे पहले बुधवार को ट्रंप प्रशासन ने एक बड़ा कदम उठाते हुए एक संघीय जिला अदालत से कुछ श्रेणियों में एच-1बी वीजा धारकों के पति/पत्नियों को देश में काम करने की अनुमति बनाए रखने की सिफारिश की है। ट्रंप सरकार पहले इसके खिलाफ थी लेकिन बुधवार को अपना रुख बदलते हुए उसने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की सरकार उस नियम पर रोक न लगाने का अनुरोध किया जिसके तरह एच-1बी वीजा धारकों के पति-पत्नी भी काम कर सकते हैं।